अर्द्ध-शुष्क रेगिस्तान बायोम से आप क्या समझते है?

बायोम (Biomes) मूलतः पृथ्वी पर बड़े क्षेत्र हैं जो विशिष्ट प्रकार के जानवरों और पौधों का घर हैं। प्रत्येक बायोम की अपनी अनूठी जलवायु होती है और वहां रहने वाली प्रजातियां अपने आस-पास के वातावरण के अनुकूल होती हैं। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते है कि बायोम वनस्पतियों और जीवों का एक समुदाय है जो सभी जलवायु और परिवेश के आधार पर भिन्न होते हैं।

अर्द्ध-शुष्क रेगिस्तान बायोम

हम बात कर रहे है अर्द्ध-शुष्क रेगिस्तान बायोम (Semi-Arid Desert Biome) के बारे में जिसमे रेगिस्तान शब्द भी आता है। आमतौर पर कुछ लोग रेगिस्तान को एक सूखी, बंजर जगह के अलावा कुछ नहीं समझते। वे सोचते है कि रेगिस्तान सुनहरी रेत का एक समुद्र है जो चिलचिलाती धूप में फैला हुआ है और तापमान इतना अधिक होता है कि शायद ही कोई सहन कर पाए। लेकिन वे यह नहीं जानते कि रेगिस्तान दिखने से कहीं ज़्यादा विविधतापूर्ण हैं। प्रतिष्ठित रेत के टीलों से परे कई तरह की मिट्टी वाले रेगिस्तान होते है। कुछ चट्टानी पत्थरों से ढके होते है जबकि कुछ कंकड़ और बजरी से बिखरे हुए होते है। जैसे-जैसे हवा ज़मीन पर बहती है वह इन अलग-अलग रेगिस्तानों के रहस्यों को उजागर करती है। वह यह दिखाती है कि सभी रेगिस्तान एक जैसे नहीं होते। 

रेगिस्तान में बारिश एक दुर्लभ उपहार है जिससे रेगिस्तान सूखा रहता है। इस कठोर वातावरण में जीवन ने इसके अनुकूलन रहना सीख लिया। कुछ पौधों की जड़ें इतनी गहरी होती है जो सतह के नीचे छिपे पानी तक पहुँच जाती है जबकि कुछ पौधे पत्तों की सहायता से नमी को संरक्षित रख लेते है।

दुनिया के उत्तरी इलाकों में एक विशेष प्रकार का रेगिस्तान मौजूद है जिसे अर्ध-शुष्क रेगिस्तान (semi-arid desert biome) के रूप में जाना जाता है। बाकी रेगिस्तानों की तरह अर्ध-शुष्क रेगिस्तान एक ऐसी भूमि है जहाँ जीवित रहने का मतलब है गर्मी के साथ तालमेल बिठाना और पनपने के तरीके खोजना।

बायोम के प्रकार ?

पृथ्वी पर कई अलग-अलग प्रकार के बायोम हैं। इसके साथ ही उप-बायोम भी हैं। उनमे से प्रमुख प्रकार टुंड्रा (tundra), वन (forest), जलीय (aquatic) और रेगिस्तान (desert) माने जाते हैं।

टुंड्रा (tundra)

Alpine tundra
अल्पाइन टुंड्रा

टुंड्रा में ज़मीन बर्फ़ से ढकी होती है। यह और किसी भी दूसरी जगह से बिल्कुल अलग है। विशाल और पेड़ रहित जमी हुई धरती पर केवल कुछ छोटी छोटी झाड़ियाँ और विरल वनस्पतियाँ पायी जाती है। सतह के नीचे ज़मीन हमेशा जमी रहती है जिसे पर्माफ्रॉस्ट भी कहा जाता है। पर्माफ्रॉस्ट की परत पौधों को बढ़ने से रोकती है।

वन (forest)

वन पेड़ों और विविध पारिस्थितिकी प्रणालियों से भरा हुआ है। ये सभी जंगल एक जैसे नहीं हैं। इन्हें तीन अलग-अलग बायोम में वर्गीकृत किया गया है जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएँ हैं: टैगा (Taiga), समशीतोष्ण वन (the Temperate Forest) और वर्षावन (Rainforest)।

Taiga trees
Taiga trees: Nature in Khanty-Mansi Autonomous Okrug (PC:ugraland [1] from Moscow, Russia, CC BY 2.0)

टैगा जिसे अक्सर बोरियल वन भी कहा जाता है अंतहीन शंकुधारी वृक्षों की भूमि है। यहाँ सर्दियाँ लंबी और कठोर होती हैं। ये वन मूस और भेड़ियों जैसे जानवरों को आश्रय देते हैं जो इस ठंडे बायोम को अपना घर कहते हैं।

समशीतोष्ण वन (the Temperate Forest) संतुलन का स्थान है। यहाँ पर मौसम अच्छी तरह से परिभाषित हैं जिसमें गर्म ग्रीष्मकाल और ठंडी सर्दियाँ हैं। ये जंगल पर्णपाती पेड़ों (Deciduous Trees) से जीवंत हैं।

वर्षावन (Rainforest) जीवन और ऊर्जा से भरपूर एक जीवंत रसीला वंडरलैंड है। ये जंगल अक्सर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (tropical regions) में पाए जाते हैं।

जलीय (aquatic)

पानी की सतह के नीचे की दुनिया उतनी ही विविधतापूर्ण और जीवंत है जितनी कि उसके ऊपर की दुनिया होती है। जलीय बायोम पानी से ढके सभी क्षेत्रों को शामिल करता है। इसे मोटे तौर पर दो अलग-अलग समूहों में विभाजित किया गया है: मीठे पानी (fresh water biome) और समुद्री बायोम (marine biome)। मीठे पानी के बायोम नदियाँ, तालाब, आर्द्रभूमि हैं। ये क्षेत्र अनगिनत प्रजातियों के घर हैं जिनमें तेज दौड़ने वाली मछलियों से लेकर टर्राने वाले मेंढक और कोमल, गैर-नमकीन पानी में पनपने वाले नाजुक पौधे शामिल हैं। इसके विपरीत, समुद्री बायोम विशाल अंतहीन महासागर बनाते हैं जो क्षितिज तक फैले हुए हैं। इन समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों में पृथ्वी पर सबसे आकर्षक जीव पाए जाते हैं जिनमें छोटे प्लवक से लेकर विशाल व्हेल तक शामिल हैं।

रेगिस्तान (desert)

रेगिस्तानी बायोम चरम सीमाओं की भूमि है जहाँ दिन के समय सूरज बेरहमी से चमकता है और रात में तापमान गिर जाता है। इसके परिदृश्य तुरंत पहचाने जा सकते हैं जैसे कि लुढ़कते रेत के टीले, फटी हुई धरती और विरल वनस्पति।

रेगिस्तान (desert) के जानवरों ने कठोर परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए उल्लेखनीय तरीकों से ऊर्जा और पानी का संरक्षण किया है। अन्य बायोम के जीवों के विपरीत वे कम बार भोजन करते हैं। अथक गर्मी को सहन करने के लिए दक्षता और सहज ज्ञान पर निर्भर करते हैं। लोमड़ियों जैसे निशाचर शिकारियों से लेकर रेत में सहज रूप से घुलमिल जाने वाले सरीसृपों तक हर जीवित प्राणी ने जीवित रहने की कला में महारत हासिल की है।

रेगिस्तान (desert) केवल एक विशाल, शुष्क विस्तार ही नहीं है बल्कि इसकी अपनी कुछ उपश्रेणियाँ भी हैं। उनमें से एक अर्ध-शुष्क बायोम है जो एक ऐसा परिदृश्य है जो शुष्कता को थोड़ी अधिक वनस्पति के साथ संतुलित करता है।

अर्ध-शुष्क बायोम के बारे में (Semi-Arid Biome)

अर्ध-शुष्क बायोम (semi-arid biome) दुनिया के कठोर, शुष्क रेगिस्तानों का एक हिस्सा है। यहाँ गर्मी कम तीव्र होती है और पौधे अधिक बहुमुखी होते हैं। पारंपरिक रेगिस्तानों के चिलचिलाती गर्मी के विपरीत अर्ध-शुष्क बायोम दिन के दौरान ज़्यादा गर्म नहीं होते। अर्ध-शुष्क बायोम में रातें हल्की ठंडक बनाए रखती हैं।

अर्ध-शुष्क बायोम उत्तरी गोलार्ध में मौजूद है जो उत्तरी यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है। यह एक ऐसी भूमि है जहाँ कठोर पौधे जैसे कि झाड़ियाँ और घास, सीमित वर्षा के बावजूद पनपते हैं। अर्ध-शुष्क बायोम में बारिश दुर्लभ है। जब यह आती है तो यह हल्की-सी बारिश के साथ आती है। अक्सर सर्दियों की ठंड के दौरान आने वाली यह हल्की बारिश शुष्क, रेतीली मिट्टी को थोड़ी राहत प्रदान करती है। यहाँ की मिट्टी उथली और ढीली, हरे-भरे वनस्पतियों को सहारा देने के लिए आदर्श नहीं है। यहाँ पौधों को जीवित रहने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। कुछ पौधों का स्वाद कड़वा होता है जबकि कुछ में तेज़, अप्रिय गंध आती है कई में नुकीले कांटे होते हैं। जानवरों ने भी इस चुनौतीपूर्ण वातावरण में रहने की कला में अनुभवता हासिल कर ली है। पक्षी, सरीसृप और अनगिनत कीड़े इस बायोम को अपना घर कहते हैं। वे दिन के धूप वाले घंटों और रात की ठंडी छाया दोनों में सक्रिय रहते हैं। उनमें से कई भूमिगत शरण लेते हैं जिससे वे मौसम और शिकारियों से बच सकते हैं।

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