भारतीय शास्त्रीय नृत्य तकनीक में ‘रस’ और ‘भाव’ की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?
भारतीय शास्त्रीय नृत्य तकनीक में ‘रस’ और ‘भाव’ की उत्पत्ति कहाँ से हुई है?
भारतीय शास्त्रीय नृत्य तकनीक में ‘रस’ और ‘भाव’ की उत्पत्ति भरतमुनि के नाट्यशास्त्र से हुई है। अब आप सोच रहे है कि नाट्यशास्त्र क्या है तो आपको बता दे कि नाट्यशास्त्र, एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो प्रदर्शन कलाओं, विशेष रूप से नृत्य और रंगमंच पर विस्तृत चर्चा करता है। नाट्यशास्त्र में रस (भावनाओं) और भाव (अभिव्यक्तियों) की अवधारणाओं का विस्तार से वर्णन है। भरतमुनि द्वारा रचित नाट्य शास्त्र में श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स तथा अद्भुत ये आठ रस हैं। भरत मुनि ने कुल 49 भावों का वर्णन किया है। इसमें 8 स्थायी भाव, 33 संचारी भाव और 8 सात्त्विक भाव शामिल हैं। रस और भाव से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर शांत रस का स्थायी भाव क्या है? [A] वैराग्य [B] क्षमा [C] दया [D] निर्वेद उत्तर- [D] निर्वेद निम्मलिखित में से किस रस का स्थायी भाव रति है? [A] भक्ति रस [B] श्रृंगार रस [C] भक्ति और श्रृंगार रस [D] इनमे से कोई नही उत्तर- [C] भक्ति और श्रृंगार रस हिन्दी में कुल कितने काव्य रस है? [A] 9 [B] 10 [C] 11 [D] 13 उत्तर- [A] 9 Explain:- हिन्दी में कुल 9 काव्य रस है | 'उत्साह' की स्थायीभाव से कि…