उत्तर: 156वीं
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महात्मा गांधी |
- महात्मा गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आज अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जा रहा है।
- उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को मोहनदास करमचंद गांधी के रूप में हुआ था। गांधी जी सिर्फ एक वकील नहीं थे - वे एक सामाजिक कार्यकर्ता, एक सच्चे नेता और सबसे बढ़कर, ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक मार्गदर्शक प्रकाश थे।
- उन्हें हमारे राष्ट्रपिता के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने एक ऐसे दर्शन का बीड़ा उठाया जिसने इतिहास की दिशा बदल दी—अहिंसक प्रतिरोध का दर्शन, जिसे सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। यह शक्तिशाली विचार औपनिवेशिक उत्पीड़न के विरुद्ध हमारे संघर्ष के सबसे बड़े औज़ारों में से एक बन गया।
- उन्होंने हमारे इतिहास के कुछ सबसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया—चंपारण और खेड़ा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन। लेकिन उनका दृष्टिकोण सिर्फ़ आज़ादी से कहीं आगे तक फैला था। उन्होंने हाशिए पर पड़े लोगों के उत्थान, सांप्रदायिक सद्भाव और आर्थिक आत्मनिर्भरता पर आधारित राष्ट्र निर्माण के लिए अथक प्रयास किया।
Q.2. 62वीं राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप किसने जीती है?
उत्तर: ग्रैंड मास्टर पी. इनियान ने
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ग्रैंड मास्टर पी. इनियान |
उत्तर: सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक
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पंडित छन्नूलाल मिश्र |
- पंडित जी बनारस घराने के अग्रणी संगीतकारों में से एक थे, जो हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की एक ऐसी शाखा है जिसकी जड़ें काशी की परंपराओं में गहराई से निहित हैं।
Q.4. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने हरियाणा के कैबिनेट मंत्री श्री राव नरबीर सिंह के साथ कहाँ पर ‘नमो वन’ की आधारशिला रखी है?
उत्तर: मानेसर में
- वन्यजीव संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन के महत्व के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 2 से 8 अक्टूबर तक वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है। इस वर्ष का आयोजन सेवा पर्व की थीम पर किया जा रहा है जो प्रकृति के प्रति सेवा और उत्तरदायित्व की व्यापक भावना को दर्शाता है।
Q.5. लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2025 भारत के दूसरे प्रधानमंत्री की कौन सी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जा रही है?
उत्तर: 121वीं
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लाल बहादुर शास्त्री |
- भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 2 अक्टूबर, 2025 के दिन गांधी जयंती के साथ-साथ मनाई जाएगी।
- यह दिन शास्त्री जी की सादगी, ईमानदारी और उनके प्रतिष्ठित नारे “जय जवान, जय किसान” की विरासत पर ज़ोर देता है।