ऐतिहासिक जानकारी
यह झील अर्धवृत्ताकार (अर्ध-गोलाकार) तटबंध के साथ अरावली पहाड़ियों की पृष्ठभूमि में स्थित है।
कहा जाता है कि राजा सूरजपाल भगवान सूर्य के परम भक्त थे, इसी कारण उन्होंने यहां सूर्य मंदिर का निर्माण कराया था।
सूरजकुंड का क्षेत्र पिकनिक, पर्यटन और सांस्कृतिक मेलों के लिए प्रसिद्ध है, खासकर फरवरी में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले के लिए।
दर्शनीय स्थल और महत्व
मंदिर के अवशेष, खूबसूरती से तैयार बगीचा और ‘सिद्ध कुंड’ इस क्षेत्र के आकर्षण हैं।
यह स्थान प्राचीन हिंदू स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण है और इसके आसपास की पहाड़ियां प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई हैं।
झील का पानी आजकल कम रहता है, मगर इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बरकरार है।
सूरजकुंड झील न केवल फरीदाबाद की पहचान है, बल्कि हरियाणा के पर्यटन मानचित्र पर भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है