कभी कभी आकाश बैंगनी रंग में क्यों दिखाई देता है?

कभी कभी आकाश बैंगनी रंग में क्यों दिखाई देता है?
क्या आपने कभी आसमान की ओर देखा है और सोचा है कि यह बैंगनी क्यों दिखाई देता है? खैर यह सब रेले स्कैटरिंग (Rayleigh scattering) नामक एक चीज़ पर निर्भर करता है। आप देखिए जब सूरज की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है तो यह हवा में मौजूद छोटे कणों के साथ संपर्क करती है। इस प्रक्रिया के कारण प्रकाश की छोटी तरंगदैर्ध्य (जैसे नीला और बैंगनी) लाल और नारंगी जैसी लंबी तरंगदैर्ध्य की तुलना में बहुत अधिक बिखरती है। और यही कारण है कि आकाश उस खूबसूरत बैंगनी रंग को ग्रहण करता है। आकाश बैंगनी रंग का क्यों दिखाई देता है? क्या आप जानते हैं कि हवा में मौजूद धूल वास्तव में आसमान का रंग बदल सकती है? जब बहुत सारे धूल के कण इधर-उधर तैरते हैं तो वे प्रकाश को इस तरह बिखेरते हैं कि आसमान बैंगनी दिखाई देता है। यह एक आकर्षक प्राकृतिक प्रभाव है जो छोटे कणों के एक साथ मिलकर आसमान में एक आश्चर्यजनक दृश्य बनाने के कारण होता है।  क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण से आसमान का रंग बदल सकता है? हवा में मौजूद कुछ प्रदूषक प्रकाश को इस तरह से बिखेरते हैं कि बैंगनी रंग बनता है। यह हवा की गुणवत्ता का एक आश्चर्यजनक प्रभाव है …